नूरे मुजस्सम, हबीबुल्लाह हुजूर पाक सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम फ़रमाया हैं, मैं मोहन अल्लाह पाक के बिना अगर किसी और को अपना दोस्त के रूप में स्वीकार करती तो वह हैं सिद्दीक़े अकबर अलैहिस सलाम। समोहन मुबारक वह बीस जुमाडल उखरा शरीफ। ख़लीफ़ए रोसूलिल्लाह हजरत सिद्दीक़े अकबर अलैहिस सलाम के …
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